Important decision of Supreme Court: अगर आप मकान मालिक हैं और अपनी संपत्ति किराए पर देते हैं, तो सुप्रीम कोर्ट का एक महत्वपूर्ण टिप्पणी आपको जरूर जानना चाहिए! सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मकान मालिक ये तय करेगा कि उसको अपनी जरूरत के लिए संपत्ति पर दी गई संपत्ति का कौनसा हिसा खाली करवाना है।

देश भर में हज़ारों लोग अपनी प्रॉपर्टी किराए पर देते हैं, जिनको मासिक आय मिलती है और उनका घर का खर्चा चलता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि घर या परिसर से घर खाली नहीं रहते। अगर आप भी अपने घर में कोई संपत्ति खरीदने जाते हैं, तो सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आपके लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकता है।
एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मकान मालिक अपनी जरूरत के हिसाब से फैसला करेगा कि उसको किराए पर दी गई संपत्ति का कौन सा हिस्सा खाली करवाना है। किरायदार ये नहीं कह सकता कि मकान मालिक के पास दूसरी प्रॉपर्टी भी है और वो अपनी जरूरत किसी और प्रॉपर्टी से पूरी कर सकता है।
मकान मालिक की असली जरुरत होनी चाहिए
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मकान मालिक को बेदखल करने का फैसला असली जरूरत के आधार पर होना चाहिए, सिर्फ एक मनमानी इच्छा नहीं चल सकती। लेकिन मकान मालिक अपनी संपत्ति के सबसे अच्छे न्यायाधीश हैं और ये तय करने का अधिकार उनके पास होगा कि कौन सी संपत्ति खाली करावानी है। किरायदार यह तय नहीं कर सकता कि मकान मालिक को किस संपत्ति से अपनी जरूरत पूरी करनी चाहिए।
केस स्टडी: सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक मकान मालिक के हक में
एक मकान मालिक ने सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका दायर की थी कि उसको अपने दो बेरोजगार बेटों के लिए एक अल्ट्रासाउंड मशीन इंस्टॉल करनी है, क्या वजह है कि उसको किराए से घर खाली करवाना है। निचली अदालत ने इस मांग को खारिज कर दिया था और हाई कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकारर रखा।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच के सामने की और मकान मालिक के हक में फैसला दिया। सुनवाई के दौरन किरायेदार ने तर्क दिया कि मकान मालिक के पास दूसरी संपत्ति भी है और वह कोई और जगह इस्तेमाल कर सकता है। पर सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि अगर मकान मालिक की जरूरत सच में है और उसने फैसला किया है कि अल्ट्रासाउंड मशीन के लिए वही संपत्ति सबसे अच्छी है, तो किरायेदार ये नहीं कह सकता कि किसी और जगह से काम चला लो। कोर्ट ने साफ़ कहा कि ये मकान मालिक का अधिकार है कि वो अपनी ज़रुरत के हिसाब से कौन सा परिसर खाली करवाना चाहता है।
सुप्रीम कोर्ट की अंतिम टिप्पणी:
“मकान मालिक के पास चाहे दूसरी प्रॉपर्टी हो, लेकिन अगर उसने फैसला किया है कि अल्ट्रासाउंड मशीन के लिए ये जगह सबसे अच्छी है, तो उसको जबरदस्ती नहीं किया जा सकता कि वो किसी और किरायेदार को बेदखली का नोटिस दे। ये प्रॉपर्टी एक मेडिकल क्लिनिक और पैथोलॉजिकल सेंटर के पास है, क्या वजह से ये सबसे उपयुक्त जगह है।”
अगर आप भी मकान मालिक हैं तो इस फैसले को ध्यान में रखें और अपनी संपत्ति का प्रबंधन करें और सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों को समझें।